सौर 666 चक्र

तीसरा सौर चक्र (मणिपुरा)
स्थान- सौर जाल के निकट नाभि से थोड़ा ऊपर
तत्त्- आग
रंग- सफ़ेद-सुनहरा [सूरज की तरह शानदार]
पंखुड़ियों की संख्या- 10
ग्रह- सूर्य
लिंग- पुरुष
दिन- रविवार
धातु- सोना
कार्य- यह चक्र आत्मा का पावरहाउस (बिजलीघर, शक्ति केंद्र) है; इच्छाशक्ति, शक्ति, हेरफेर (चालाकी) 
आंतरिक स्थिति- इच्छाशक्ति, सही समय। यह चक्र लूसिफ़र का ग्रिल है
सौर चक्र का महिला समकक्ष छठा अजना चक्र है, जिसमें पीनियल ग्रंथि होती है

सौर जाल चक्र सबसे महत्वपूर्ण चक्र है। इसे संस्कृत में "मणिपुर" के नाम से जाना जाता है। यह इच्छा का चक्र है, और सबसे महत्वपूर्ण, यह लूसिफ़र का ग्रिल है जो पीनियल ग्रंथि द्वारा स्रावित जीवन के अमृत को संग्रहीत करता है। यहीं से आत्मा की उपचार शक्ति उत्पन्न होती है। यह पाचन तंत्र, पेट, अग्न्याशय और मांसपेशियों पर शासन करता है। सौर चक्र सुनहरे रंग का है और इस पर सूर्य का शासन है। इसका तत्व अग्नि है और इसकी धातु सोना है। यह वह चक्र है जिसका उपयोग व्यक्ति जादू-टोना करते समय अपनी इच्छा पूरी करने के लिए करता है। सूर्य चक्र आत्मा का शक्ति केंद्र है। इसका प्रतीक स्वस्तिक है।


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Library of Congress Number: 12-16457


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