शैतानी अंकज्योतिष
अज़ेज़ल और बील्ज़ेबुल द्वारा


"सभी चीजें संख्यात्मक हैं।"
-पाइथागोरस, अपोलो का पुत्र

मूल संख्याओं के मूल अर्थ


1

"सभी", दिव्य इकाई,
अविभाजित, आदेश,
अनंत में बिंदु, ब्रह्मांड,
 सृजन का स्रोत,
प्राथमिक कारण



2

द्वंद्व, अलगाव, कलह,
संबंध, सृजन, विनाश,
अपूर्ण, सकारात्मक-नकारात्मक,
प्रथम श्रेणी, बिदाई


3

आत्मा, दिव्यता, त्रिनेत्र बल, 
एक पूर्ण संख्या, पहला मिलन, 
दिव्य/पवित्र त्रिमूर्ति 
[ईआ, एन्लिल, आनु - पोसाईडन, ज़ीउस, हेडीस आदि], 
दुनिया की त्रिमूर्ति
4

अनुशासन, न्याय,
भौतिक की चार दिशाएँ,
"सीमा", ईथर के बिना चार तत्व,
भौतिक संसार का हिस्सा

5

पाँच तत्व, मिलन, कनेक्शन,
इरोस, आकार और स्वरूप,
सुंदरता, वैभव, संतुलन, सद्भाव (सामंजस्य)



6

भौतिक एवं आध्यात्मिक, संबंध,
जीवन, स्थिरता, आदी होना,
कर्म, विवाह,
स्थूलब्रह्माण्डीय/सूक्ष्मब्रह्माण्डीय,
पौरोहित्य (पुजारी), स्वच्छता


7

कर्म, परिणाम,
देवी नेमसिस,
शुद्धिकरण, दिव्य पैमाना,
न्याय का कवच,
भाग्य, मन का जन्म,
पौरोहित्य, कौमार्य


8
रहस्य, ड्राइव, शक्ति,
स्थायित्व,
मज़बूत आधार,
छिपा हुआ गोला,
"दिव्य माँ",
आकाशी न्याय,
गुणा
"अनंत काल तक"

9

समाप्त, अंतिम बिंदु, छवि,
 पूर्णता, "अंत",
समापन पर आना,
जन्म/मृत्यु, शक्ति,
कैपस्टोन (शिखर), शिखर, पूर्णता


10

एक कुंजी, सब मिलाकर,
भाग्य और कर्म,
पथ का अंत, दोहरा मिलन,
ब्रह्मांड - पैन, ब्रह्मांड,
पूर्णता, स्वनिर्मित,
"दिव्य पिता",
समग्रता



आगे पढ़ने और अधिक उन्नत जानकारी के लिए
[निर्माणाधीन]




  दार्शनिक "शून्य"


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Library of Congress Number: 12-16457

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