एस्ट्रल प्रोजेक्शन (सूक्ष्म प्रक्षेपण) के लिए मेडिटेशन (ध्यान)

एस्ट्रल प्रोजेक्शन में आपकी आत्मा वास्तव में आपका शरीर छोड़ देती है । यह दूरदर्शिता (रिमोट व्यूइंग) से भिन्न होता हैं जिसमे आप एक समाधी की अवस्था में प्रवेश करते हैं  खुद को अपनी इच्छा के माध्यम से एक विशेष जगह पर ले जाते हैं । नीचे बतलाये गए दो ध्यान सिर्फ मूलभूत दिशानिर्देश हैं । मैं सलाह देती हूँ कि अधिक गहन जानकारी के लिये नीचे दिए गए पीडीएफ लिंक पर क्लिक करें ।

 

ध्यान 1

यह ध्यान अजीब महसूस होता है। इस बात को निश्चित कर लें कि आप प्रक्षेपण करने के लिए गंभीर हैं, नहीं तो, किसी भी प्रकार का संकोच आपको आपके शरीर में रख सकता है। आपको आराम दायक रहना है , दोनों मानसिक और शारीरिक रूप से। पहले कुछ बार सबसे कठिन होते हैं। किसी भी अन्य चीज़ की तरह ही, नियमित अभ्यास इसे और सरल बना देगा, जब आपको समाधी में जाने की आवश्यकता नहीं होगी पर आप स्वयं को अपनी इच्छा अनुसार किसी भी समय प्रक्षेपित कर सकेंगे । कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में प्रक्षेपण करना आसान लगता है क्योंकि उन्होंने पिछले जन्मों में ऐसा किया है।

1. एकदम आरामदायक हो जाएँ और एक समाधी की अवस्था में जाएँ। जब आप इतने आरामदायक हो जाएँ कि आप अपने शरीर को महसूस नहीं कर सकते , आप तैयार हो गए हैं।

2. अपने सूक्ष्म (नाक्षत्रिक) शरीर को अपने भौतिक शरीर के अंदर अपने सात चक्रों द्वारा पकड़ा हुआ देखें (कल्पना करें)। चक्रों को रंगीन घुंडी (दरवाजे की गोल घुंडी) की तरह देखा जा सकता है।

3. प्रत्येक घूमते हुए चक्र को घूमने से रोकें और उसे चौथाई (चतुर्थांश / क्वार्टर) घुमाएं उस दिशा के उलट में जिस दिशा में वह घूम रहा था, जैसे की दरवाज़े की घुंडी को घुमा रहे हों।

4. आराम करो और जाने दो और बाहर निकलने की कोशिश करें।



ध्यान 2

यह एक प्रारंभिक अभ्यास की तरह है। यह ऊपर वाले जितना शक्तिशाली नहीं है, लेकिन आप में से उन लोगों के लिए कम तीव्र है जो इसे धीरे-धीरे करना चाहते हैं।

1. ऊपर वाले की तरह, लेट जाएँ और आराम करें। समाधि में जाएँ। इतना आराम दायक हो जाएँ की आपको ऐसा लगे की आप तैर रहे हैं।

2. अब अपनी बायीं सूक्ष्म (नाक्षत्रिक) भुजा को ऊपर उठाएं। इसकी कल्पना करें। आपको इसकी कल्पना करने की आवश्यकता होगी, लेकिन ऊर्जा वहीँ जाती है जहाँ उसे जाने के लिए निर्देशित किया जाता है।

3. अपनी बायीं सूक्ष्म (नाक्षत्रिक) भुजा को उठायें और अपने चहरे को छुएं।

4. अपने दोनों सूक्ष्म (नाक्षत्रिक) हाथों को आपस में छुएं।

5. यही अपनी प्रत्येक टांग और पांव के साथ करें ।

6. कल्पना करें आपका सम्पूर्ण नाक्षत्रिक शरीर आपके भौतिक शरीर के ऊपर तैर रहा है, या कमरे में कहीं और (तैर रहा है) और वहां होने पर ध्यान केंद्रित करें। बस वहाँ लेटे रहे और इस पर कुछ समय के लिए ध्यान केंद्रित करें।

इस अभ्यास को बार-बार दोहराते रहें और अंत में, सूक्ष्म प्रक्षेपण होगा।



और गहरी जानकारी के लिए -

ट्रीटिस ऑन एस्ट्रल प्रोजेक्शन - रॉबर्ट ब्रूस द्वारा (रॉबर्ट ब्रूस द्वारा सूक्ष्म प्रक्षेपण पर ग्रंथ)

सी आई ए रिमोट व्यूइंग मैन्युअल


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