बृहस्पति 136
चक्रों को सशक्त बनाने,
एक कमजोर बृहस्पति को
मजबूत करने, और बृहस्पति से संबंधित स्वास्थ्य और कुल आध्यात्मिक उन्नति
में सहायता के लिए बृहस्पति का कबाला/ जादुई वर्ग
भौतिक सफलता,
समृद्धि,
और सांसारिक
[गैर-आध्यात्मिक] मामलों के लिए बृहस्पति का कबाला/ जादुई वर्ग
बृहस्पति का मंत्र लगातार 25 दिनों तक है। यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी दिन को कभी न छोड़ें, क्योंकि इससे पूरा कार्य रद्द हो जाएगा।
जब बृहस्पति अपनी गृह राशि धनु या मीन राशि में मजबूत हो, या जब यह कर्क में उच्च राशि में हो तो मंत्र शुरू करें।
इस मंत्र को तब शुरू न करें जब बृहस्पति मकर राशि [इसका पतन] या मिथुन या कन्या राशि [इसकी हानि] में हो।
बृहस्पति के घंटों के दौरान बृहस्पतिवार (गुरुवार) को मंत्र शुरू करें।
आदर्श रूप से,
प्रत्येक दिन, बृहस्पति के लिए चुने गए मंत्र का जाप उस दिन के लिए बृहस्पति
के घंटों के दौरान किया जाना चाहिए। यह आदर्श है, लेकिन परवाह किए बिना किसी भी दिन को कभी न छोड़ें,
चाहे घंटे कुछ भी हों।
बृहस्पति का अनुष्ठान/जादुई
शासन-
आध्यात्मिकता, सौभाग्य और भाग्य, लंबी दूरी की यात्रा, उच्च शिक्षा, दर्शनशास्त्र, समृद्धि, आशावाद, विस्तार, परोपकार, खेल-कूद, मनोरंजन, बाहर से संबंधित, प्रचुरता, खुशी, सही समय, धन, वजन बढ़ना, कानून, परदेशी, विदेशी संस्कृतियां और भूमि, अतिभोग, आनंद।
बृहस्पति द्वारा शासित शरीर के अंग- यकृत, कूल्हे, जांघ और अग्न्याशय (पैंक्रियास)।
रोग- मधुमेह (डायबिटीज), रक्त शर्करा विकार, पीलिया, मोटापा और कूल्हों के रोग।
पेशे- कॉलेज के प्रोफेसर, न्यायाधीश, पुजार (याजकगण), बैंकर (बैंक में काम करने वाले), लोकोपकारक, विधायक
आपकी ज्योतिष पत्री में- जिस घर में बृहस्पति स्थित है, उसके साथ-साथ जिन घरों में धनु और मीन राशि के चिन्ह अंतराल (कस्प) में हैं।
कबाला/ जादुई ग्रहीय वर्ग कार्य क्राउन चक्र और
पीनियल ग्रंथि को सशक्त बनाता है और किसी के ज्योतिष चार्ट (पत्री) में कमजोर/ दुर्बल बृहस्पति को मजबूत करता है और अंतराल (कस्प) में धनु और मीन राशि के चिन्ह वाले घर/घरों और
बृहस्पति युक्त घर द्वारा शासित मामलों में मदद करता है।
बृहस्पति के लिए मंत्र-
आऊम ग्राम ग्रीम ग्राऊम
साऊ गुरुआवे नमः
कोई नमः को स्वाहा
से बदल सकता है , [स-वा-हा]
, आध्यात्मिक लक्ष्यों के लिए काम करते समय
उच्चारण-
आआ-ऊऊऊ-ममम .
गग-रर-आ--आमम . गग-रर-ई-ई-मम . गग-रर-आ-ऊऊ-मम . सा-ऊऊऊ . गग-ऊऊ-रर-ऊऊ-आ-व-ए .
ना-मा
र की कंपन करें (जीभ र कंपन करते समय थरथराएगी), ‘ग’ की कंपन कंठ के पिछले भाग में महसूस होनी
चाहिए।
© Copyright 2011, Joy of Satan Ministries;
Library of Congress Number: 12-16457
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